लिखते लिखते फ़िर कलम भी साथ निभाता है बन के अभिव्यक्ति किताब पे छप जाता है। लिखते लिखते फ़िर कलम भी साथ निभाता है बन के अभिव्यक्ति किताब पे छप जाता है।
कुछ बदलाव - सा...। कुछ बदलाव - सा...।
बहेंगी नदियों में अमृत धारा सुखी होगा संसार सारा ! बहेंगी नदियों में अमृत धारा सुखी होगा संसार सारा !
दूर किसी मंज़िल पर पहुंचने के लिए, जैसे कोई गाड़ी या वाहन ही नहीं! दूर किसी मंज़िल पर पहुंचने के लिए, जैसे कोई गाड़ी या वाहन ही नहीं!
मैं अधूरा हूँ... तुम होती तो... शायद पूरा होता! मैं अधूरा हूँ... तुम होती तो... शायद पूरा होता!
मेरे दिल का हर राज़ लेते हुए नील स्याह बन गिरते। मेरे दिल का हर राज़ लेते हुए नील स्याह बन गिरते।